हर किसी के साथ , हादसा होता ना रहे
आवाज़ उठाओ, अब कोई यहाँ रोता ना रहे
हर मोड़ पर मेरी तलाश, अब क्यों करे कोई
किसी का किसी से, कोई वास्ता ना रहे
दूर् रहकर भी मुझ को, कैसे छू जाती हो
पास आने का जैसे, कोई रास्ता ना रहे
अन्जानो के शहर में, कोई कहाँ खोता है कभी
अच्छा है अब किसी से, कोई रिश्ता ना रहे
तोड़ दी वो कलम, जो तेरे नाम थी अभिमन्यु
किसी के मन में , अब कोई फरिश्ता ना रहे