Monday, June 14, 2010
नज्म : सवाल क्या है
इस तरह फासले रखने की, वजह क्या है।
हमसे यकीन उनका, अब शायद उठ गया है ॥
ये नजरें जो नजरें किसी से, चुरा रहीं हैं आज ।
लगता है कोई और, अब तुम को मिल गया है॥
तुझे तराश कर, उसकी कल्पना भी सोचती होंगी।
तेरे हुस्न को रंग, अब दिल का दिया है ॥
झुका तो चले थे वो, आसमां अपने कदमों में ।
सितारों ने पूछा है, अब उनका हाल क्या है॥
दूर जाना हो तो जाओ, किसी से पूछो नहीं।
अनगिनत जवाबों के बीच, अब यह सवाल क्या है॥
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waah lajawaab...
ReplyDeletenice
ReplyDeleteनमस्ते,
ReplyDeleteआपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।
लाजवाब
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